खुद, इन्सान से बेजान चीज़ बन जाने का, ये कैसा पागलपन ? खुद, इन्सान से बेजान चीज़ बन जाने का, ये कैसा पागलपन ?
स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें अपने हाथों अपना जीवन नष्ट न करें। स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें अपने हाथों अपना जीवन नष्ट न करें।
सुहाना समय पंख लगा उड़ उड़ जाए। सुहाना समय पंख लगा उड़ उड़ जाए।
मंजिल भी मिलेगी और खुशियों के अनगिनत का उपहार दे जायेगा। मंजिल भी मिलेगी और खुशियों के अनगिनत का उपहार दे जायेगा।
हालत कुछ ऐसे हैं मेरे, कि शब्दों मे बयाँ नहीं होते। हालत कुछ ऐसे हैं मेरे, कि शब्दों मे बयाँ नहीं होते।
सर ए तूर हो सर ए हश्र हो हमे इंतजार कबूल है वोह कभी मिले वोह कहीं मिले वोह कभी सही । सर ए तूर हो सर ए हश्र हो हमे इंतजार कबूल है वोह कभी मिले वोह कहीं मिले वोह क...